अमीरी – AMEEREE


आग लगाके तनमे सावन
दौड रहा आंगनमे सावन

सावनकी यादोंमे खोकर
डूब गया सावनमे सावन

बहते झरने नाच रहे है
महक रहा है धुनमें सावन

प्यारभरी महकी बातोंको
ढुंढ रहा है बनमे सावन

शायरकी अनमोल अमीरी
देख रहा साजनमे सावन


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