नाच आज खास मस्त रात्र नर्तिके
धुंद फुंद जाहलेत गात्र नर्तिके
नर्तनात तांडवी जपून नाच तू
पातलेत सान मौन छात्र नर्तिके
बाण सोडतेस कैक दांडियातुनी
भासतेस तेजरूप क्षात्र नर्तिके
नाचतात लक्ष लक्ष नर्तिका जरी
भावतेस तूच एक मात्र नर्तिके
कृष्ण श्याम नील वर्ण मेघ वर्षती
सांडते भरून पूर्ण पात्र नर्तिके
गझल अक्षरगण वृत्त (मात्रा २०)
लगावली – गालगाल/गालगाल/गालगालगा/