बादलीत बरसतोय बादल
दलदलीत झिरपतोय बादल
बदबद वर्षत रिता जाहला
रिक्त मनी पसरतोय बादल
दल बदलूनी गिरगिट होतो
शेर होत गरजतोय बादल
श्वेतश्याम वा कृष्णधवल म्हण
शब्द अब्द प्रसवतोय बादल
हलका फुलका पुन्हा होउनी
निळ्या नभी लहरतोय बादल
मात्रावृत्त(१६मात्रा)