जिनस्तुती – JIN STUTI


शुक्रवार शुक्रवार शुक्रवार गा
शुक्र धार वीर नार गाल गाल गा

आज दिवस शुक्रवार काल कोणता
शुक्रवार च्या प्रथम गुरूर वार गा

शुक्रवार नंतर दिन सांग कोठला
वासर शनि हाच ठाम करत कार्य गा

राध शुद्ध अर्थ बोल आत्म देव रे
रवि नि सोम निकट वार ताल धरत गा

काफिया स्वर मधुर मम तरल भावना
मंगळ बुध दोन वार जपत काव्य गा

सात वार सप्त तत्त्व सात पावले
ध्यास वेड जीव जगव जगत मस्त गा

सात शेर लिहुन पूर्ण गझल जाहली
नाव सार्थ जाहलेय जिनस्तुतीच गा


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