मोक्षलक्ष्मी अंतरीची मम सुनेत्रा
नित्य दर्शन देय मज आतम सुनेत्रा
पुण्य पाठी रम्य सृष्टी थांबलेली
आत्मश्रद्धा सावरे कायम सुनेत्रा
रान हिरवे नभ निळाई पांघरोनी
भाव अक्षर वाचते आगम सुनेत्रा
भूत सुंदर बिंब सुंदर नेत्र मिटता
वर्तमानी कोंडतोना दम सुनेत्रा
पुष्पमाळा अष्टद्रव्यें पूज्य मूर्ती
शुद्ध हृदयी गा सुनेत्रा रम सुनेत्रा