गझल – GHAZAL


चार मुक्तके

मुक्तक …
मर्गळ मुरगाळून जिंकले
कर्दळ कुरवाळून जिंकले
मुक्तक लिहुनी शीघ्र राधिके
दर्वळ चुरगाळून जिंकले

बरखा …
बारिश गिरी बारिश गिरी
मेघ बरखा साजिश गिरी
बाढ आयी गोंड बनसें
नीर लौकी ख्वाहिश गिरी

वर्धमान …
पंचरंगी ध्वज हमरा
वीर तीर्थंकर हमरा
वर्धमान जिनअनुयायि
आत्मधर्मी हर हमरा

गझल …
गझल चारु चंद्रमा
नयन तारु चंद्रमा
चपळ मेघना झरे
जलद वारु चंद्रमा


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